पढ़ी लिखी जावा मेरी प्यारी भुलियों
बणावा ये गढ़वाल तें तुम महान
रोशन ह्वे जालू यू गढ़ हमारू
करला अगर जू तुम अशिक्षा कू निदान
जाणदीच सारी दुनियाँ कि,
गढ़वाल की नारी कू मनोबल च महान
करा हीं अशिक्षा तें दूर,
दीक तुम अफड़ू योगदान।।
bahut badiya bhai , lage raho
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1 टिप्पणी:
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