मनखी कू विकास-
हम सणी विकास शब्द कू पूरू अर्थ समझ्यों चेंदू। सामान्यतौर पर विकास शब्द कू अर्थ धन-दौलत कू विकास मांणेजांदू, जबकि येकू अर्थ मनुष्य कू पूरू विकास माण्यूचेंदू। जैम धन-दौलत कू विकास भी याक हिस्सा होंदू।
पण विकास कू असली अर्थ होंदू , मनुष्य कू सामाजिक , राजनीतिक और आर्थिक(धन-दौलत) विकास। जब बी क्वी मनखी विकास कू अर्थ सोचदू त तें सणी शरीर, शिक्षा जना कई मुद्दों पर सोच्यों चेंदू। पिछला कै बर्षों बिठी मनखी कू विकास कू जू मुद्दा फैली, सू सैत इथगा पेली कबी नी फैली। पेली का लोग धन- दौलत का विकास सणी ही मनखी कू विकास समजदा था पर अब लोग ये कू पूरू अर्थ समजीगैन की धन-दौलत सी ही कै बी मनखी कू विकास नी ह्वे सकूदू । तैक तें ते सणी अफड़ू पूरू विकास कन पड़लु।
जनू कि- शिक्षा कू विकास, मन कू विकास, अफड़ा आस-पास कू समाज कू विकास,।
बोलणा कू अर्थ यू च कि याक राज्य कू विकास, याक जिला कू विकास, याक पट्टी कू विकास या याक गौं कू विकास तब तक नी ह्वे सकदू जब तक कि तें गौं कू हर मनखी कू विकास नी होलू।
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