गुरुवार, 18 दिसंबर 2008

माँ त्येरी याद औंदी परदेश मा

रूँदू छौं मैं मने-मनमा

माँ त्येरी याद औंदी परदेश मा

सुबेर कू बणूँ खाँणू खाँदू जब रात मा

माँ त्येरी याद औंदी परदेश मा

द्येखीक ये भीड़भाड़,

खुदेंदु म्यरू पराण

लगदी बाड़ुली गला मा

माँ त्येरी याद औंदी परदेश मा

क्वी नीन अफड़ु यख विदेश मा

कना भग्यान छन म्यरा भुला-भुली

जू वैठ्याँ होला त्यरा गोद मा

माँ त्येरी याद औंदी परदेश मा।।

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