रविवार, 28 जून 2009

गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा - में आगे

लिंग

लिंग का अर्थ है चिन्ह। पुरूष जाति और स्त्री जाति का अलग-अलग बोध कराने वाले शब्दों के कारण लिंग के पुलिंग और स्त्रीलिंग दो भेद हैं।

पुलिंग

हिन्दी अर्थ

स्त्रीलिंग

गौड़ो

गाय

गौड़ि

भैंसो

भैंस

भैंसि

बखरो

बकरी

बखरि

देव

भगवान

देवि

स्यँटुलो

एक पक्षी

स्यँटुलि(मादा पक्षी)

घोड़ो

घोड़ा

घोड़ि(घोड़ी)

स्यालो

साला

स्यालि(साली)

गढ़वाली में पुलिंग और स्त्रीलिंग दो ही भेद हैं।

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